कुछ तो हैं राब्ता

काफ़ी मुद्दत हो गई उसे देखे हुए, अब तो सफ़र भी सुनसान लगता हैं.... अन्जान लगता हैं.... भीड़ मे भी एक अलग-सा अकेलापन महसूस कर रहा हूं, मुझे एकान्त तो काफ़ी पसन्द है मगर ना जाने क्युं एकान्त का सन्नाटा मुझे सुई की तरह चुभ रहा हैं........ ना जाने क्युं....

जब तु नहीं थी तब भी तो कुछ नया नहीं हो रहा था, मगर तेरा होना ना जाने क्युं मुझे एक दूसरे जहां में लेकर चला जाता हैं........।

मैं तुझे तकरीबन आठ सालों से जानता हूँ या शायद उससे भी ज्यादा वक्त से..... मगर जब भी तुझे देखता हूँ हर वक्त कुछ नया ही मिलता हैं.......

तु जानती हैं मैंने तुझे 3 सालों से नहीं देखा था तो भी तो चल रहा था ना, मगर अब ना जाने क्युं तेरे वापिस आ जाने से वो पुरानी मुहब्बत फिर से नईं हो गयी.....

तु कुछ तो हैं मेरे लिए, सच में यार

कुछ तो हैं राब्ता............ 💕💕

#Feel_Your_Feelings

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