Ehsaan-Ae-Muhbbat
Jo zindagi bhar ehsaan se Chidhaa karte..!!! Aaj kisine unko muhbbat ehsaan ki...(
ऐसे जज़्बात जो अनदेखे, अनसुने, अनछुऐ और अधुरे हैं... उनके जज़्बातो को उन्हों की ज़बानी सुनते हैं जिन्हे इसका तजुर्बा हैं। कभी कभी चन्द अल्फ़ाज़ही काफी होते है किसी को अपना हाल-ए-दिल बताने के लिए । कभी कभी दो अल्फ़ाज़वो बात कह जाते है जो शायद कभी आपकी पुरी उम्र य आपका पुरा तजुर्बा नही कह पाता।