माँ : एक इश्क
माँ एक अल्फ़ाज़ मात्र नहीं हैं, माँ तो खुद में एक क़ुतुब खाना हैं , माँ धरतीवालो को मिला खुदावन की ओर से एक बेहतरीन या युँ कहे कि सबसे बेहतरीन तोहफ़ा हैं सीधे और सधे अल्फ़ाज़ो में माँ तो खुद में खुदा हैं...<3
ऐसे जज़्बात जो अनदेखे, अनसुने, अनछुऐ और अधुरे हैं... उनके जज़्बातो को उन्हों की ज़बानी सुनते हैं जिन्हे इसका तजुर्बा हैं। कभी कभी चन्द अल्फ़ाज़ही काफी होते है किसी को अपना हाल-ए-दिल बताने के लिए । कभी कभी दो अल्फ़ाज़वो बात कह जाते है जो शायद कभी आपकी पुरी उम्र य आपका पुरा तजुर्बा नही कह पाता।