Posts

Showing posts from December, 2016

बुजुर्ग

बड़े गुस्से से मैं घर से चला आया .. इतना गुस्सा था की गलती से पापा के ही जूते पहन के निकल गया मैं आज बस घर छोड़ दूंगा, और तभी लौटूंगा जब बहुत बड़ा आदमी बन जाऊंगा ... जब मोटर साइकिल नहीं दिलवा सकते थे, तो क्यूँ इंजीनियर बनाने के सपने देखतें है ..... आज मैं पापा का पर्स भी उठा लाया था .... जिसे किसी को हाथ तक न लगाने देते थे ... मुझे पता है इस पर्स मैं जरुर पैसो के हिसाब की डायरी होगी .... पता तो चले कितना माल छुपाया है ..... माँ से भी ... इसीलिए हाथ नहीं लगाने देते किसी को.. जैसे ही मैं कच्चे रास्ते से सड़क पर आया, मुझे लगा जूतों में कुछ चुभ रहा है .... मैंने जूता निकाल कर देखा ..... मेरी एडी से थोडा सा खून रिस आया था ... जूते की कोई कील निकली हुयी थी, दर्द तो हुआ पर गुस्सा बहुत था .. और मुझे जाना ही था घर छोड़कर ... जैसे ही कुछ दूर चला .... मुझे पांवो में गिला गिला लगा, सड़क पर पानी बिखरा पड़ा था .... पाँव उठा के देखा तो जूते का तला टुटा था ..... जैसे तेसे लंगडाकर बस स्टॉप पहुंचा, पता चला एक घंटे तक कोई बस नहीं थी ..... मैंने सोचा क्यों न पर्स की तलाशी ली जाये .... म

भरोसा

भरोसा मत करना इस दुनिया के लोगो पे, मुझे तबाह करने वाला मेरा बहुत अजीज था.

Gila

Kisi Aur Se Nahi Par Khud Se Gila Hai Mujhko, Shayad... Khud Meri Wajah Se Meri Zindagi Chhod Gayi Mujhko...

विश्वास

रिश्ते रखो या ना रखो पर विश्वास जरुर रखना, जहां विश्वास होता है... वहां रिश्ते अपने आप बन जाते हैं...