श्री देवी
ना तु रही यहाँ, ना मैं रह पाऊंगा..., अभी तु गयी है, कल मैं चला जाऊंगा... जाना सबका मुकर्रर है इस धरा से, ना तु यहाँ की बनी, ना मैं बन पाऊंगा... लाजवल होना मुमकिन नहीं है, ना तु हुई, ना मैं हो पाऊंगा... एॆ चाँदनी तुझे भुलना आसान नहीं है, ना ये जहाँ भुलेगा, और ना ही मैं भुल पाऊंगा... ना तु रही यहाँ, ना मैं रह पाऊंगा...