रुठा हैं मेरा चाँद
आज रुठा हैं मेरा चाँद मुझसे,
आज रात को रोक लो...
ना जाने दो होकर यों बेरुखा,
आज की रात को रोक लो...
आज रुठा हैं मेरा चाँद मुझसे,
आज रात को रोक लो...
तारॆ बहुत हैं इस वितान में,
लेकिन बिन तुम सब अंधेरा हैं...
सारे तारे हैं भीड़ का हिस्सा,
ना जाने क्यु मेरा चाँद हैं गुस्सा...
रुक जाओ अब मान भी लो,
इस दिल की मजबुरी को जान भी लो....
आज रुठा हैं मेरा चाँद मुझसे,
आज रात को रोक लो...
कोइ तो रोको, कोइ तो टोकॊ,
रोक लो, ना जाने दो...
एक बार भोली मासुमियत को,
मेरी फ़िर से देख लो...
अपनी उजली चान्दनी से,
मेरा जीवन सेक दो...
आज रुठा हैं मेरा चाँद मुझसे,
आज रात को रोक लो...
Aaj rutha hai mera Chand mujhse,
Aaj Raat ko rok Lo....
Na Jaane do hokar yu berukha,
Aaj ki Raat ko rok Lo...
Aaj rutha hai mera Chand mujhse,
Aaj Raat ko rok Lo....
Taare boht hai is vitaan me,
Lekin bin Tum sab andhera hai...
saare taare hai Bheed ka hissa,
Na Jaane kyu mera chand hai gussa...
Ruk jaao ab maan bhi lo,
Is dil ki majburi ko jaan bhi lo...
Aaj rutha hai mera Chand mujhse,
Aaj Raat ko rok Lo....
Koi to toko, Koi to roko,
Rok Lo, na jaane do....
Ek baar bholi masumiyat ko,
meri Fir se Dekh lo....
Apni Ujali chandani se,
Mera jeevan sek do...
Aaj rutha hai mera Chand mujhse,
Aaj Raat ko rok Lo.
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